आखिर क्यों दाबका नदी बंद कर लगातार चौथे दिन भी धरने पर बैठे हैं खनन कारोबारी।

उत्तराखंड कालाढूंगी नैनीताल

रिपोर्ट-संजय सिंह
बैलपड़ाव- अवैध खनन को लेकर उत्तराखंड से लगातार खबरे आ रही है। कभी उधम सिंह नगर तो कभी नैनीताल जिले से लगातार अवैध खनन की खबरें आती रहती है। ऐसा ही मामला नैनीताल जिले के बैलपड़ाव से आ रहा है जंहा लगातार खेतो का खुदान कर अवैध खनन किया जा रहा है। जिससे क्रेशर स्वामियों को कम कीमत में उपखनिज मिल रहा है और इस वजह से क्रेशर स्वामी दाबका नदी का उपखनिज नही खरीद रहे हैं। जिससे दाबका नदी के खनन कारोबारी बैलपड़ाव में धरने में बैठ गए हैं।

बताया जा रहा है कि धामी सरकार द्वारा प्रदेश में खेतो के समतलीकरण की मंजूरी देने के बाद से ही बैलपड़ाव में खेत समतलीकरण के नाम पर खुदान कर खेतो से उपखनिज निकाल कर बेचा जा रहा है। जिस कारण क्रेशर स्वामियों के पास उपखनिज का भंडारण हैं। ऐसे में सभी क्रेशर स्वामी दबका नदी का उपखनिज खरीदने से मना कर रहे हैं। जिससे दाबका नदी के खनन कारोबारीयो के सामने रोजी रोटी का संकट आ गया है। दाबका नदी के कारोबारियों ने बताया कि दाबका नदी की रॉयल्टी क्रेशर स्वामियों को महंगी पड़ती है। जबकि खेतो से निकलने वाले उपखनिज की रॉयल्टी की कीमत आधे से भी कम है। जिस कारण क्रेशर स्वामी खेतो से उपखनिज खरीद रहे है और दाबका नदी के उपखनिज की अनदेखी कर रहे हैं। दाबका नदी से उपखनिज की निकासी नही होने से सरकार को भी प्रतिदिन लगभग 15 लाख रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। खनन कारोबारियों ने बताया जबतक बैलपड़ाव से अवैध खनन बंद नही होता तब तक धरना प्रदर्शन बंद नही होगा।